मिहोना नगर में बेखौफ हो रहा जुआ, स्मैक सहित गांजा जैसा घातक नशे का कारोबार

💥युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा यह जहरीला कारोबार

💥मिहोना नगर में बेखौफ हो रहा जुआ, स्मैक सहित गांजा जैसा घातक नशे का कारोबार

💥इस पूरे अवैध और खतरनाक व्यापार के संबंध में स्थानीय पुलिस को जानकारी होने के बावजूद पुलिस इस पर अंकुश लगाने के बजाए संरक्षण देने में लगी है।
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*MACHAND💥MIHONA✒*
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*सिंधचंबल सेंचुरी न्यूज़*
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💥Ram Shankar Sharma*
     प्रभारी लाहार
     9617136083

       किसी भी नगर के लिए जुआ और स्मैक एक ऐसा अभिशाप है जो कैंसर की तरह का रोग है जो व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देता है। भिंड जिले के मिहोना नगर में इसका संचालन कुछ दबंग नामी लोगों द्वारा किया जा रहा है लेकिन पुलिस भी उसका कुछ नहीं कर पाती। वैसे तो थाना प्रभारी द्वारा  एक के बाद एक कई कार्यवाही कर ऐसे लोगों को जेल पहुंचाया गया लेकिन पैसो की दम पर वह छूटकर अपने व्यवसाय को प्रारंभ कर देते है अब तो स्थिति यह है कि वह यह कहत है कि मीडिया वालों को भी हम पैसे देते हैं इसलिए वे भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। वैसे तो जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन छुटभैय्या तत्वों पर लगाम लगाने की कार्यवाही करता है लेकिन सट्टे का कारोबार करने बालों पर आखिर कब लगाया जायेग।अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो ये सुरसा की तरह बढ़ता जायेगा और युवा पीढ़ी को अपने गिरफ्त में ले लेगा। 

    भिंड/मिहोना-
                      शराब, स्मैक सहित गांजा जैसा घातक नशे का कारोबार इन दिनों शहर में अपने पैर पसार रहा है। नगर के दर्जनों मुहल्लों में यह बड़ी आसानी से उपलब्ध हो रहा है, जिसकी चलते यहां की युवा पीढ़ी इसके जाल में फंसती जा रही है। खास बात यह है कि इस जहरीले व्यापार की जानकारी होने के बाद भी पुलिस इसे रोकने के प्रयास नही कर रही है।

      इन दिनों शहर के ज्यादातर युवा शराब और स्मैक के नशे की गिरफ्त में आ चुके है। यहां शाम ढलते ही जगह-जगह नशेडिय़ों के झुंड इन मादक पदार्थों का सेवन करते देखे जा सकते हैं। नशे का यह जहरीला कारोबार दिनों दिन शहर में बढ़ता ही जा रहा है। इसका थोक व्यापार करने वाले बड़ी आसानी से इसे खपाते हुए फुटकर विक्रेताओं तक पहुंचा रहे हैं। जिसके बाद नशेड़ी इसे खरीद कर सेवन करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक शहर में कई मुहल्ले क्षेत्र स्मैक की बिक्री के लिए बुरी तरह बदनाम हो चुके है, जहां खुले आम मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त का काम दिन रात किया जाता है। कईबार इस संबंध में स्थानीय संभ्रांत नागरिकों द्वारा शिकायत किए जाने पर इस धंधे में लिप्त आपराधिक तत्वों द्वारा उनके साथ मारपीट भी कर दी जाती है। इसी कारण से आम जनता इनका विरोध नही कर पाती है। गौरतलब है कि इस पूरे अवैध और खतरनाक व्यापार के संबंध में स्थानीय पुलिस को जानकारी होने के बावजूद स्थानीय पुलिस इस पर अंकुश लगाने के बजाए संरक्षण देने में लगी है। कई बार पुलिसकर्मियों द्वारा इसके सप्लायरों की मुखबरी के माध्यम से ही छुटपुट अपराधों का खुलासा करने का काम भी करती है।

कोड वर्ड से होती सप्लाई:

स्मैक युवाओं के लिए जितना खतरना है उतना ही रहस्मय इसका व्यापार भी है। शहर में इसकी आवक राजस्थान, उप्र सहित महाराष्ट्र व गुजरात से होती है। जिसे बड़े तस्करों द्वारा यहां स्थानीय खरीददारों को बेचा जाता है। इसके बाद इसकी बिक्री बड़े ही सावधानी से कोड भाषा के माध्यम से होती है, जिसके लिए इसे पाऊडर, सफेद दवा, सुट्टा और पुडिय़ा का नाम दिया जाता है।

आसानी से होती है उपलब्ध:

उल्लेखनीय है कि स्मैक का अवैध व्यापार मिहोना नगर में बुरी तरह से अपनी जड़े जमा चुका है, जिसके बाद वह ग्रामीण अंचल में भी अपनी पैठ बनाने में लगा है। नगर सहित नगर के आसपास के दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों में स्मैक के छोटे बड़े सप्लायर इसकी बिक्री कर रहे है।

चपेट में आ रही नई पीढ़ी:



ज्ञात हो कि नशे का यह कारोबार सबसे ज्यादा युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। मिहोना नगर में कई युवा स्मैक की लत का शिकार हो चुके है, जो हर संभव प्रयास कर नशा करने के लिए गंभीर अपराधों को भी अंजाम देने से नही चूकतेे हैं। इसके अलावा शहर में अवैध शराब का व्यापार की जमकर किया जा रहा है, जिसे स्थानीय शराब माफिया पुलिस व आबकारी की सांठ-गांठ से करने में लगा है।

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