भोपाल न्यूज़ सिंध चंबल सेंचुरी
गौरव शर्मा ग्रुप एडिटर
सिंध चंबल सेंचुरी न्यूज़
भोपाल। मध्य प्रदेश शिक्षा घोटालों में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। व्यापमं महाघोटाले के बाद अब मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी शंका के घेरे में आ गई हैं। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है। सिंधिया ने सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मार्चो खेलते हुए इस नए घोटाले में जांच की मांग की है।
अपने पहले ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है कि, "व्यापम के बाद अब मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी संदेह के घेरे में आ गयी है". अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "एक समाज विशेष के परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचने की शिकायत सामने आई है. इस सरकार के नुमाइंदों ने मिलकर फिर एक भ्रष्ट खेल को अंजाम दिया".
अपने अगले ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए लिखा, "मेरी मांग है कि इस शिकायत की गंभीरतापूर्वक ईमानदारी से जांच की जाए जिससे सत्य सामने आ सके".
मेरी मांग है कि इस शिकायत की गंभीरतापूर्वक ईमानदारी से जांच की जाए जिससे सत्य सामने आ सके।
सिंधिया द्वारा ट्वीट की गई खबर के मुताबिक मप्र पीएससी द्वारा गुरुवार को घोषित मुख्य परीक्षा के परिणाम में विशेष समुदाय के लोगों के चयन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी की आशंका व्यक्त की जा रही है, क्योंकि इस सेंटर पर रोल नंबर की एक सीरीज के 17 लोगों का मुख्य परीक्षा में चयन हुआ है. आरोप है कि मध्यप्रदेश के कई दूसरे जिलों के निवासी जैन छात्रों ने आगर मालवा स्थित एक परीक्षा केंद्र की मांग की और उन्हें वही केंद्र आवंटित किया गया. चौंकने वाली बात यह है कि इस केंद्र के सर्वेसर्वा भी जैन हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इस केंद्र से परीक्षा देने वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा जैन पास हो गए. रिजल्ट से सामने आया कि 330 सीरीज के चयनित परीक्षार्थियों में 17 एक ही समुदाय से हैं और कुल 1528 सफल विद्यार्थियों में से 63 इसी समुदाय से हैं.
हालांकि पीएससी अफसरों का कहना है कि इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना नहीं है क्योंकि सारी प्रक्रिया कम्प्यूटराइज्ड होती है. यहां यह भी बता दें कि पीएससी के परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन और प्रभारी परीक्षा नियंत्रक मदनलाल गोखरू जैन हैं.
व्हीसिल ब्लोअर और आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे भी इस मामले को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. उन्होंने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जांच की मांग करते हुए लिखा, "मध्यप्रदेश में #mppsc में परीक्षा नियंत्रक और @RSSorg के मप्र प्रमुख पर परिचतों की नौकरी लगाने का आरोप #जांच हो"।
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